भारत के उत्तरी क्षेत्र में व्रत के मौसम या नवरात्रि के उपवास के मौसम के दौरान पकवान बनाना पसंद किया जाता है। चूंकि राजगिरा के आटे में कोई ग्लूटेन मौजूद नहीं होता है, इसलिए बाध्यकारी एजेंट जैसे कि कोई स्टार्च जैसे आलू को बांधने के लिए जोड़ा जा सकता है। यह। व्रत में हम इसे जरूर से बनाते है।आलू की सब्जी,श्रीखंड या दही के साथ ये पूरी बहुत ही स्वादिष्ट लगती है।
आवश्यक सामग्री
- 1 कप राजगिरा आटा
- 1 टेबल स्पून जीरा
- सेंधा नमक स्वादानुसार
- जरूरत के हिसाब से पानी
- 1/2 टेबल स्पून मसलने के लिए तेल
- पुरिया तल ने के लिए तेल
- 2 टेबल स्पून सूखा राजगिरा आटा पूरी बेलने के लिए
विधि
- आलू उबाल लें। इसे पूरी तरह से ठंडा होने दें। एक बाउल में छीलकर मैश कर लें।
- राजगिरा आटा और नमक डालें। सबसे पहले पूरे मिश्रण को अच्छी तरह मिला लें।
- फिर थोड़ा थोड़ा पानी डालें, लगभग 1/2 से 1 छोटा चम्मच, और आटा गूंथना शुरू करें।
- फिर से 1/2 से 1 छोटी चम्मच पानी डालकर गूंद लें ताकि आटे में सूखापन न रह जाए।
- आटा चिपचिपा नहीं होना चाहिए। अगर आटा चिपचिपा लगता है तो उसमें थोड़ा सा ऐमारैंथ का आटा डालें और फिर से गूंद लें।
- 15 मिनट के लिए ढककर अलग रख दें।
- काम की धूल वाली सतह पर, मध्यम आकार की पूरी न तो पतली और न ही गाढ़ी बनाकर गरम तेल में तल लें।
- अतिरिक्त तेल निकालने के लिए इन्हें पेपर नैपकिन पर निकाल लें।
- राजगीरे की पूरी बनकर तैयार हैं, आप इश्को को दही , व्रत की चटनी या व्रत की सब्जी के साथ सर्व कर सकते हैं।
किसी भी सब्जी या पनीर की सब्जी के साथ परोसिये और खाइये।
धयान देने की बात
- यदि आपसे इस तरह से न बेले जा रहे हों तो आप पॉलीथिन पर लोई रखकर भी आसानी से बेल सकते हैं।
- राजगिरा में ग्लूट्न नहीं होता है इसलिए इसे बाइंड करने के लिए आलू का उपयोग किया जाता है।
- धयान रखे हलके हाथो से बेले इनके टूटने का डर होता ।
- आप चाहे तप हरी मिर्च और हरा धनिया भी डाल सकते है पूरी का स्वाद बढे गा ।