Myths About Dry Cleaning Chemical : जैसा की आपको पता है की सर्दिया आ ही चुकी है ऐसे में घरों में महिलाएं ऊनी कपड़े बाहर निकालना शुरू कर देती हैं। इसके बाद उन्हें ड्राई क्लीन कराकर पहनने के लिए तैयार कराती है। ऐसे में कपड़ो से पेट्रोल जैसी गंध आने के कारण ज्यादातर लोग यही समझते हैं कि ड्राई क्लीनिंग में पेट्रोल का इस्तेमाल किया जाता है जबकि ड्राई क्लीनिंग में पेट्रोलियम सॉल्वेंट का इस्तेमाल बंद हो चुका है।
कपड़ों की ड्राई क्लीनिंग के लिए इस्तेमाल होने वाला केमिकल खुले बाजार के साथ ही ऑनलाइन मार्केट प्लेसेस पर आसानी से मिल जाता है बता दे की इसकी कीमत 450 रु से लेकर 1600 रु प्रति लीटर तक होती है लेकिन क्या इस केमिकल का इस्तेमाल करके घर पर ही कपड़े ड्राई क्लीन करके पैसों की बचत की जा सकती है?
जाने क्या है कपड़ों की धुलाई और ड्राई क्लीन में फर्क
सभी को पता है की ड्राई क्लीनिंग और धुलाई का काफी अंतर होता है जिनमे सबसे बड़ा अंतर है पानी का इस्तेमाल। बता दे की जहां धुलाई में कपड़ों को पानी और डिटर्जेंट के घोल में भिगोया जाता है वहीं, ड्राई क्लीनिंग में पानी के बजाय लिक्विड सॉल्वेंट का इस्तेमाल किया जाता हैं। इसमें कार्बनिक सॉल्वेंट का इस्तेमाल होता है जो की सभी दागों को हटाने में असरदार होता है।
ड्राई क्लीनिंग सभी तरह के कपड़ो जैसे रेशम, ऊन और मखमल के लिए की जाती है आपको बता दे की ड्राई क्लीनिंग में भी कपड़ों को भिगोया जाता है लेकिन इसमें पानी के बजाय लिक्विड सॉल्वेंट का इस्तेमाल होता है जो की तेजी से भाप बनकर उड़ जाते हैं। जिससे की कपड़े बहुत ही जल्द सूख जाते हैं इनकी कोई गंध नहीं रह जाती।
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जाने ड्राई क्लीनिंग में होता है कौन-सा केमिकल यूज
ऐसा नहीं है की ड्राई क्लीनिंग में कभी पेट्रोलियम सॉल्वेंट का इस्तेमाल नहीं किया जाता था एक समय था जब इसका भी यूज़ होता था लेकिन अब इसका इस्तेमाल काफी समय से बंद कर दिया गया है। अब इसके लिए टेट्राक्लोरोएथिलीन या पर्क्लोरोएथिलीन नाम के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है आपको बता दे की ड्राई क्लीनिंग इंडस्ट्री में इस केमिकल को ‘पर्क’ के नाम से पहचाना जाता है।
साथ ही इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है इसके अलावा कार्बन टेट्राक्लोराइड, ट्राइक्लोरोएथेन और दूसरे कई हैलोजनीकृत हाइड्रोकार्बनों का इस्तेमाल ड्राई क्लीनर्स करते हैं। इसके अलावा ब्रोमोप्रोपेन का इस्तेमाल भी ड्राई क्लीनिंग सर्विस प्रावाइडर्स करने लगे हें। बेंजीन का ड्राई क्लीनिंग में इस्तेमाल करने पर कपड़ों से खुश्बू भी आने लगती है।
क्या घर पर केमिकल का इस्तेमाल करना होगा सुरक्षित
आप ड्राई क्लीनिंग में इस्तेमाल होने वाले किसी भी केमिकल का इस्तेमाल घर पर नहीं कर सकते क्युकी ये स्टैंडर्ड ड्राई क्लीनिंग केमिकल्स जहरीले होते हैं। ऐसे में केमिकल सॉल्वेंट का इस्तेमाल करने पर कपड़ों से अलग तरह की गंध भी आने लगती है ऐसे में इसको दूर करने के लिए ड्राई क्लीनिर्स कपड़ों को कुछ दिनों के लिए गर्म स्थान पर हवा में छोड़ देते हैं।
यह केमिकल सूर्य की गर्मी के कारण पर्क भाप बनकर आसानी से उड़ जाता है और इसकी गंध भी आसानी से खत्म हो जाती है। आपको बता दें कि ज्यादातर सॉल्वेंट जहरीले होते हैं ड्राई क्लीनिंग के बाद कपड़े अम्लीय धुंआ छोड़ते है जो फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं ऐसे में घर पर ड्राई क्लीनिंग ना करना ही बेहतर है।
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जाने कैसे होता है ये केमिकल यूज
पहले ड्राई क्लीनिंग में इस्तेमाल होने वाले पेट्रोलियम सॉल्वेंट ज्वलनशील होते थे तो वहीं अब काम लिए जाने वाले केमिकल्स गैर-ज्वलनशील होते हैं। सफाई के दौरान कपड़े लिक्विड सॉल्वेंट में डूबे होते हें लेकिन स्पिन चक्र के दौरान लगभग पूरा लिक्विड बाहर निकल जाता है।
ड्राई क्लीनर्स में मशीन केमिकल की भाप को इकट्ठा करके महंगे पर्क को रिसाइकल करती है ड्राई क्लीनिर्स एक लीटर केमिकल को रिसाइकल करके बार-बार इस्तेमाल कर लेते हैं। यही नहीं, इस प्रक्रिया से ड्राई क्लीनिंग सेटअप में मौजूद हवा भी साफ रहती है।
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