Gardening Tips For Home Garden : गुलाब जो की सबसे ज़्यादा पसंद किया जाने वाले लोकप्रिय फूलों में से एक है। यह फूल जो की बहुत ही ख़ूबसूरत और ख़ुशबूदार होता है ऐसे में लोग इसे कांटों के बावजूद अपने बाग बाग़ीचे में लगाना पसंद करते हैं। फूल तो कई होते हैं लेकिन जितनी गुलाब की सुंदरता और सुखद सुगंध हमें अपनी ओर खिंचती है, उतनी तेज़ी से कोई और नहीं खींच पाता है।
ऐसे में लोग इस फूल को अपने घर में लगाना चाहते हैं लेकिन सामान्य रूप से इसे लगाना बहुत ही मुश्किल होता है इसलिए, इसके लिए एक ऐसी तकनीकी अपनाई जाती है जो काफ़ी सरल है। इस तकनीक का नाम है कटिंग जिसके माध्यम से सबसे गुलाब लगाना सबसे सहज, सरल और सस्ता तरीका है। आज हम आपको बतायंगे गुलाब की कटिंग लगाने का सही तरीका।
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जाने आखिर क्यों होती है कटिंग की जरुरत ?
कटिंग का मतलब है ऐसी शाखाएं और तने जिन्हें सीधे पौधे से काटा गया है इसके लिए एक काँच की बोतल या फिर गिलास ले उनमें साफ़ पानी भर दे और तने को उस पानी में कुछ दिनों के लिए डालकर एक अनुकूल जगह पर रख देते हैं। अब एक दो सप्ताह के भीतर ये पानी में दबे तने जड़ लेने लगते हैं ये जड़ लेने का सीधा सीधा मतलब है कि ये एक पौधे के रूप में अब तैयार हो चुके हैं।
आपको बता दे की इस तरह से आप एक ही पेड़ के तने से बहुत सारे पौधे तैयार कर सकते हैं। ऐसे में एक बार तने जड़ ले लें तो यह आपके ऊपर है कि आप इसे जार में ही रखते हैं लेकिन मिट्टी में इसे लगाना बहुत ही ज़्यादा सही होता है। इस तकनीक से उन्हें संतुलित मात्रा में पोषक तत्व मिलते हैं जो की सीधे तौर पर उनके विकास को प्रभावित करते हैं।
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जाने क्या होते है कटिंग के फायदे और नुकसान
हर चीज़ फायदे और नुकसान दोनों होते है ऐसे में गुलाब की कटिंग लगाने के भी कुछ फायदे और नुकसान दोनों होते हैं इसलिए आपको इन दोनों चीज़ो के बारे में जानना जरुरी होता है। बता दे की कोई भी नया पौधा जो की कटिंग से बनता है यह मूल का ही एक क्लोन होता है।
बता दे की इस तकनीक के नुकसान की बात कि जाए तो इनके विकास, रोग प्रतिरोधक क्षमता, लाइफ़ साइकल जैसी चीज़ें सामने आती हैं। गुलाब की कटिंग के द्वारा तैयार पौधे में अपने मूल पौधे की तरह से न तो विकास होता है, न तो रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है और ना ही इनकी लाइफ़ लेकिन फिर भी यह काफ़ी आसान और किफ़ायती है इसलिए इसे लगाना हम सभी पसंद करते हैं।
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जाने कटिंग करने का सही समय और तकनीक
बता दे की गुलाब की कटिंग बनाने के लिए सबसे सही समय होता है बसंत और पतझड़ यदि हम वसंत ऋतु में गुलाब की कटिंग लगाने के बारे में सोच रहे हैं तो एक साल पुरानी शाखा से कटिंग लेना सही रहता है। वही दूसरी तरफ, यदि हमारा इरादा शरद ऋतु में कटिंग लगाने का है, तो हमें उसी वर्ष की शाखा लेनी चाहिए और ऐसी शाखा लेनी चाहिए जो पहले से परिपक्व दिखती है।
यह एक बहुत ही जरुरी सवाल है की गुलाब की कटिंग कैसे लगाई जाये जिसमें पारंपरिक सब्सट्रेट के साथ बर्तन का उपयोग करके, आलू में गुलाब की कटिंग, प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग और हाइड्रोपोनिक्स का नाम आता है। कटिंग 18ºC और 21ºC के बीच के तापमान पर होनी चाहिए, उच्च आर्द्रता होनी चाहिए, सीधे धूप नहीं मिलनी चाहिए।
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