Saffron Plantation At Home : ये तो सभी जानते है की बाजार में मिलने वाले मसालों में सबसे कीमती और महंगे दाम पर केसर ही बिकता है। तो आज हम आपको बता दे की अब ap घर पर केसर का पौधा लगाया जा सकते है आप अपने गार्डन में भी केसर का पौधा इन साइंटिफिक तरीकों से उगा सकते हैं लेकिन हां इसको लगाने में थोड़ी ज्यादा लागत आ सकती है।
केसर का इस्तेमाल हम खास पकवान में करते हैं इसके केसरी रंग और स्वाद से आपका पकवान और भी लजीज हो सकता है। केसर महंगा होने के कारण हम त्योहार या समारोह पर ही इस्तेमाल करते हैं। केसर के लिए अनुकूल जलवायु और मिट्टी बनाने में अगर आप कामयाब हो जाते हैं तो आप सबसे महंगे मसालों में से एक को आधी कीमत पर अपने गार्डन में ही उगा सकते हैं।
जाने कैसे उगा सकते है केसर का पौधा
- केसर का पौधा लगाने के लिए सबसे पहले केसर के कंदों को किसी अच्छी नर्सरी से खरीदें।
- अब इन कंदों को मिट्टी में 8 से 13 सेमी गहरे और कम से कम 10 सेमी की दूरी पर दूरी पर लगाएं।
- केसर के फूल अक्टूबर से नवंबर तक खिलते हैं फूलों में से सुबह जल्दी लाल धागों को सावधानी से निकालें।
- केसर के पौधे को ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है इसके लिए 10 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान होना चाहिए।
- केसर के पौधे को अच्छी तरह से सूखा हुआ, रेतीली और बलुई मिट्टी की आवश्यकता होती है ऐसे में मिट्टी का pH मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
- केसर के पौधे को दिन में कम से कम 6 घंटे धूप की आवश्यकता होती है और केसर के रेशों को सुखा कर एक एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करें।
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इन बातों का रखना होगा खास ध्यान
- आपको शायद ही पता हो की भारत में तीन प्रकार के केसर उगाए जाते हैं क्रीम केसर, एक्विला केसर और लच्छा केसर तो आप अपनी पसंद की किस्म के आधार पर बाजार से केसर के कंद खरीद सकते हैं।
- केसर के पौधे के लिए मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए गोबर की खाद मिलाएं क्युकी मिट्टी में सही अनुपात में फास्फोरस, नाइट्रोजन और पोटेशियम भी मिलाना होगा।
- अगर आप इसे कॉम्पैक्ट रखते हैं तो कोई हवा का संचार नहीं होगा और कंद नष्ट हो सकते हैं।
- तीन से चार महीनों के भीतर केसर के फूल कटाई के लिए तैयार हो जाएंगे ऐसे में फूलों को सूर्योदय से लेकर 10 बजे के बीच ही तोड़ना बेहतर माना जाता है।
- आपको फूलों में लाल-भूरे रंग के वर्तिकाग्र यानी स्टिग्मा जो धागे के जैसा होता है उसे बांधना होगा और कम से कम पांच से छह दिनों के लिए धूप में सुखाना होता है।
पौधे के लिए एयरोपोनिक्स तकनीक का इस्तेमाल
बता दे की आप केसर के पौधे को उगाने के लिए एयरोपोनिक्स तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं आपको पता होगा की एयरोपोनिक्स तकनीक यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें पौधों को मिट्टी के बजाय हवा में उगाया जाता है।
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क्या है एयरोपोनिक्स तकनीक के फायदे
- यह मिट्टी के उपयोग को कम करता है, जिससे पानी की बचत होती है और पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ता है।
- एयरोपोनिक्स पौधों को अधिक पोषक तत्वों पहुंचाने में मदद करता है, जिससे उनकी वृद्धि और विकास में सुधार होता है।
- एयरोपोनिक्स पौधों को रोगों और कीटों से बचाने में मदद करता है, क्योंकि उन्हें मिट्टी के संपर्क में नहीं आने दिया जाता है।
- एयरोपोनिक्स तकनीक से उगाए गए केसर के पौधे मिट्टी में उगाए गए पौधों की तुलना में अधिक तेजी से और आसानी से बढ़ सकते हैं।
- पौधे अधिक पोषक तत्वों तक भी पहुंच हासिल करते हैं, जिससे उनकी वृद्धि और विकास में सुधार होती है।
- एयरोपोनिक्स पौधों को रोगों और कीटों से बचाने में मदद करता है, जिससे उनके प्रोडक्शन को ज्यादा बेहतर बनाया जा सकता है।
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