Special Recipe : आज हम आपको एक ऐसी मिठाई के बारे में बताने जा रहे है जो साल के सिर्फ 15 दिन मिलती है। हम बात कर रहे है बीकानेर में 14 दिन तक श्राद्ध पक्ष में लगने वाली मिठाई की दुकानों की श्राद्ध में बीकानेर के हर मोहल्ले में अस्थाई मिठाई की दुकानें लगती है।
बता दे की इन दुकानों में लोग मुनाफा नहीं कमाकर सेवा के भाव से मिठाई बेचते है इस शहर में करीब सैकड़ो अस्थाई मिठाई की दुकानें लगी है। यहाँ मिलने वाली है दुकानों पर मिठाई के भाव आम मिठाई की तुलना में आधे होते है यह मिठाईयां देशी घी में बनती है फिर भी आधी कीमत में मिलती है।
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क्या है इन मिठाइयों की कीमत
यहाँ के एक दुकानदार सुरेंद्र व्यास ने बताया कि यहाँ बड़ी-बड़ी मिठाई की दुकानों से आधी कीमत और वाजिब दामों में मिलती है। वह बताते है कि बड़ी दुकानों से मिठाई खरीदते है तो वह सभी खर्चे निकालकर भाव रखते है, जबकि इन मिठाई का भाव यहीं है जो हम बेच रहे है।
बता दे की इन अस्थाई दुकानों पर मोतीपाक 240 से 260 रु किलो बेच रहे है तो वहीं बड़ी मिठाई की दुकानों में 400 से 440 रु किलो बेच रहे है और काजू कतली 550 रु किलो है तो बड़ी मिठाई की दुकान में 700 रुपए किलो मिल रही है।
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बता दे की यहां पर मिठाई की एडवांस बुकिंग भी होती है यह दुकानें पुरे श्राद्ध तक चलती है। श्राद्ध पक्ष में करीब 200 दुकानों से 8 हजार किलोग्राम से भी अधिक मिठाइयां रोज बिकती हैं, यानी 15 दिन में 100 टन से ज्यादा मिठाइयों की बिक्री हो जाती है।
कौनसी मिठाइयों की रहती है डिमांड
श्राद्ध पक्ष में जिन मिठाइयों की डिमांड रहती है वह इनमें घाल के लड्डू, मोतीपाक, दिलखुसाल, पंधारी, केसर के गुलाबजामुन, जलेबी, काजू की कतली होती है। यह सभी मिठाई पुरे श्राद्ध पक्ष में लोग काफी पसंद करते है।
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